फ्रांस : इस्लामिक कट्टरपंथ को खत्म करने के लिए बिल पेश, मस्जिदों और मदरसों पर सख्त होगा सरकार का पहरा
राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने कहा है कि लैंगिक समानता और धर्मनिरपेक्षता जैसे फ्रांसीसी मूल्यों की रक्षा किया जाना आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ समुदायों में बढ़ते कट्टरपंथ को रोकने के लिए भी यह जरूरी है।
पेरिस, एपी। फ्रांस में सरकार इस्लामिक कट्टरपंथ को जड़ से खत्म करने के लिए सख्त कानून बनाने की तैयारी में है। फ्रांस की संसद के निचले सदन में इसके संबंध में एक बिल लाया गया है। यह बिल अगर कानून की शक्ल अख्तियार कर लेता है तो ना केवल मस्जिदों और मदरसों पर सरकारी निगरानी बढ़ेगी बल्कि बहु विवाह और जबरन विवाह पर भी नकेल कसी जा सकेगी।
यह बिल इस्लामिक चरमपंथ के खिलाफ बड़े लड़ाई का हिस्सा है। हाल के समय में फ्रांस में इस्लामिक चरमपंथ का उभार देखने को मिला है। पिछले साल अक्टूबर में एक शिक्षक की सिर कलम करके हत्या करने के बाद फ्रांसीसी सरकार द्वारा चरमपंथ पर लगाम लगाने का यह ताजा प्रयास किया है।
राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने कहा है कि लैंगिक समानता और धर्मनिरपेक्षता जैसे फ्रांसीसी मूल्यों की रक्षा किया जाना आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ समुदायों में बढ़ते कट्टरपंथ को रोकने के लिए भी यह जरूरी है।
मुस्लिमों ने जताई आशंका
फ्रांस में रहने वाले मुस्लिमों का कहना है कि प्रस्तावित कानून ना केवल उनकी धार्मिक स्वतंत्रता को सीमित करेगा बल्कि उन्हें इसके जरिये निशाना बनाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि फ्रांस के पास पहले से आतंकवादी हिंसा से लड़ने के लिए पर्याप्त कानून हैं, इसलिए नया बिल लाने की कोई जरूरत नहीं है।
आलोचकों ने चुनावी बिल बताया
वहीं आलोचकों का कहना है कि अगले वर्ष होने वाले राष्ट्रपति चुनावों के मद्देनजर इस बिल को लाया जा रहा है। इसके माध्यम से रूढि़वादी और अति- दक्षिणपंथी मतदाताओं को रिझाने का प्रयास किया जा रहा है। चूंकि नेशनल असेंबली में मैंक्रो की पार्टी का बहुमत है, इसलिए यह बिल वहां से आसानी से पारित हो जाएगा। सीनेट से भी इसके पास होने की उम्मीद है।