FDI बढ़ने से उत्पादन व रोजगार दोनों बढ़ेंगे, रक्षा क्षेत्र में निवेश विस्तार साबित होगा गेम-चेंजर: डीपीआइआइटी सचिव
स्टार्ट-अप का जिक्र करते हुए मोहापात्रा ने कहा कि उद्यमियों की मदद के लिए 2000 करोड़ रुपये का फंड तैयार किया जाएगा। निर्धारित लक्ष्य के अनुसार तीन हजार स्टार्टअप इकाइयों के लिए कुल 15000 करोड़ रुपये के लोन की व्यवस्था की जानी है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। बजट में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) के जरिये देश में बड़ी मात्रा में पूंजी आकर्षित करने व कारोबार को गति देने के प्रयास को एक दूरदर्शी कदम कहा जा रहा है। आंतरिक व्यापार एवं उद्योग संवर्धन विभाग (डीपीआइआइटी) के सचिव गुरुप्रसाद मोहापात्रा ने कहा कि सरकार ने एफडीआइ के जरिये रक्षा व बीमा जैसे क्षेत्रों में तेज विकास का रास्ता तैयार कर दिया है। इस सप्ताह सोमवार को अगले वित्त वर्ष के लिए प्रस्तुत बजट में रक्षा व बीमा में एफडीआइ का दायरा बढ़ाकर 74 फीसद कर दिया गया है। इसकी सीमा पहले 49 फीसद थी।
रक्षा में एफडीआइ विस्तार को गेम-चेंजर बताते हुए मोहापात्रा ने कहा कि इसमें अब निवेश की गति तेज होने वाली है। रक्षा उत्पादन बढ़ने से सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र में भारत और सशक्त बनकर उभरेगा। रक्षा उत्पादन में कई नए प्रोजेक्ट शुरू होने की उम्मीद है।
बीमा क्षेत्र के भविष्य को लेकर मोहपात्रा ने कहा कि एफडीआइ निवेश का दायरा बढ़ने से इसमें तेजी आएगी। यह इंश्योरेंस के अलावा बैंक व गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के सेहत के लिए भी अच्छा साबित होगा। इस सेक्टर में पूंजी की तरलता से देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए निवेश का नया द्वार खुलेगा। इंश्योरेंस में एफडीआइ के जरिये पूंजी बढ़ने से नए व बेहतर बीमा उत्पाद आएंगे। इसका एक बड़ा प्रभाव रोजगार के स्तर पर भी देखने को मिलेगा। बीमा कंपनियां की संख्या बढ़ने से इसमें अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।
स्टार्ट-अप का जिक्र करते हुए मोहापात्रा ने कहा कि उद्यमियों की मदद के लिए 2,000 करोड़ रुपये का फंड तैयार किया जाएगा। निर्धारित लक्ष्य के अनुसार, तीन हजार स्टार्टअप इकाइयों के लिए कुल 15,000 करोड़ रुपये के लोन की व्यवस्था की जानी है।