चंद महीनों में आसान हो जाएंगी सफर की मुश्किलें
जागरण संवाददाता लखीमपुर बड़ी रेल का उद्घाटन होने से यहां के लोगों में उत्साह तो है पर एक टीस भी है। यह टीस है अभी महज दो जोड़ी ट्रेनें ही चलने की। वहीं लोगों को ये चिता भी सताए जा रही है कि आखिर पश्चिम की ओर कब ट्रेनें शुरू होंगी।
लखीमपुर : लखनऊ से लखीमपुर तक चलने वाली बड़ी रेल का उद्घाटन होने से लोगों में उत्साह तो है, पर एक टीस भी है। यह टीस है अभी महज दो जोड़ी ट्रेनें ही चलने की। लोगों को ये चिता भी सता रही है कि आखिर पश्चिम की ओर कब ट्रेनें शुरू होंगी। दरअसल, अभी भले ही रेल सेवा शुरू कर दी गई, पर कई तकनीकी बाधाएं ऐसी हैं, जिनके चलते ट्रेनों की संख्या नहीं बढ़ाई जा सकती।
लखीमपुर से गोला-मैलानी और उसके बाद पीलीभीत तक कब ट्रेनें शुरू होंगी, इसको लेकर भी लोगों में उत्सुकता है। उम्मीद है कि अगले साल की शुरुआत में पीलीभीत तक ट्रेनें शुरू होने के बाद ही यहां के लोग सीधे बरेली, मथुरा, आगरा, दिल्ली और काठगोदाम (नैनीताल) तक की रेल यात्रा कर पाएंगे।
जल्द मैलानी तक शुरू होगी रेल सेवा
सात सितंबर को लखीमपुर से मैलानी तक के ट्रैक का सीआरएस (रेलवे संरक्षा आयोग) ट्रायल होना है। ट्रायल में सबकुछ ठीक रहा तो उसके बाद एक-दो माह में ट्रेनें शुरू कर दी जाएंगी।
मैलानी तक रेल यातायात शुरू होने पर ही बढ़ेंगी ट्रेनें
अभी जो लखीमपुर तक महज दो जोड़ी ट्रेनें शुरू की गई, उसमें बड़ी बाधा ये है कि जिले में मैलानी के अलावा कोई रेलवे जंक्शन नहीं है। ऐसे में ज्यादा संख्या में ट्रेनों के संचालन से उनके ठहराव आदि की दिक्कतें आएंगी। इसके चलते मैलानी तक रेल यातायात शुरू होने तक ट्रेनों की संख्या बढ़ने का इंतजार करना होगा।
बाकी है अभी आधा काम
वर्ष 2013 में शिलान्यास के वक्त तय हुआ था कि लखनऊ के ऐशबाग से पीलीभीत तक तकरीबन 260 किमी मीटरगेज रेलवे लाइन को तीन चरणों में ब्रॉडगेज में परिवर्तित किया जाएगा। पहले चरण का काम पूरा होने के बाद दूसरे चरण में मैलानी तक कार्य होना था। अभी लखीमपुर तक काम पूरा हो पाया है। इस तरह अब तक कुल तकरीबन 260 किमी. आमान परिवर्तन में आधा कार्य पूरा कर ट्रेनें शुरू कर दी गई हैं।